हमसफर: अतुल पाठक

भीड़ भरी दुनिया में,
कई आते और जाते हैं
मिलकर बिछड़ जाते हैं,
ज़िन्दगी के सफर में
हमसफर ही साथ निभाते हैं

दिल-ओ-जां में बसते,
सुख-दुख बांटते हैं
खुशी हो या गम सदा मुस्कुराते,
आए लाख विपत्ति जीवन में
फिर भी मिलकर सामने करते हैं

अपने प्यार के रंगों से,
जीवन को सजाते हैं
हवा के झोंके संग गुनगुनाते हैं,
जब एहसासों की खुशबू से 
हमसफर भी महक जाते हैं

मोहब्बत कुदरत का इक हसीन तोहफ़ा है,
जिनके दिल में मोहब्बत होती है
वो ही दिलवाले कहलाते हैं

अतुल पाठक ‘धैर्य’
हाथरस, उत्तर प्रदेश