आओ प्रकृति परायण बन जाएँ- रश्मि अग्रवाल

आओ प्रकृति परायण बन जाएँ
मानव ने एक दुनिया,
कृत्रिम बना ली।
प्रकृति के विपरीत,
अनचाहे परिवर्तन,
नए-नए परिवेश।
सीमेंट के रास्ते,
गगनचुम्बी इमारतें,
ई-कचरा,
तेज़ाबी वर्षा,
जहरीली खाद,
प्रदूषित जल,
प्लास्टिक का बोलबाला
रासायनिक बहिस्राव
विकास और सुविधाओं के नाम
बोझ से ज़ख़्मी हुए,
पगडण्डियों के पाँव।
आओ चलें…
कहीं देर ना हो जाए?
क्यों न हम सम्भल जाएँ?
पर्यावरण की लटों को सुलझाएँ,

प्रदूषण रहित वातावरण बनाएँ
आओ,
प्रकृति परायण बन जाएँ

-रश्मि अग्रवाल

परिचय-
जन्मतिथि- 5 जनवरी, 1952, नहटौर (उप्र)
माता- विद्या रानी जैन
पिता- लब्ध सन्तोष कुमार जैन
पति- डाॅ विरेन्द्र कुमार अग्रवाल
विधा- कविता, कहानी, आलेख, वार्ता, गीत, स्तम्भ आदि।
पुस्तक- कहावतों की रोचक कहानियाँ, पर्यावरण कितने जागरूक हैं हम, योग साधना और स्वास्थ्य, इंद्रधनुषी कहानियाँ, पर्यावरण प्रश्न और भी हैं?, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, रश्मि की बाल कहानियाँ, अरी कलम! तू कुछ तो लिख (कविताएँ), जियो जीवन भरपूर (व्यक्तित्व निखार)
संपादित- वाणी एक, वाणी दो, समकालीन महिला साहित्यकार
प्रकाशन – विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन एवं आकाशवाणी केन्द्र, नजीबाबाद से प्रसारण
सामाजिक कार्य – वाणी अखिल भारतीय हिन्दी संस्थान नजीबाबाद द्वारा महिला साहित्यकारों को प्रोत्साहन, पर्यावरण एवं वृक्षारोपण पर कार्यशाला आयोजन एवं निर्धन छात्र-छात्राओं के शिक्षार्थ सहयोग आदि हैं।
पुरस्कार एवं सम्मान- पर्यावरण कितने जागरूक हैं हम’ पुस्तक पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा राजभाषा गौरव पुरस्कार 2015, शिक्षा मित्र अवार्ड (मुरादाबाद) 2009, भारती श्री सम्मान (नजीबाबाद), साहित्य गंगा सम्मान (सोनभद्र) 2010, दैनिक हिंदुस्तान एवं उ0प्र0 सरकार द्वारा ‘नारी सम्मान’ (मुरादाबाद), संस्कार सारथी सम्मान (दिल्ली) 2014, पर्यावरण शोध संस्थान द्वारा सम्मान (मेरठ) 2014, गोपाल रत्न सम्मान (हापुड़) 2014, दैनिक अमर उजाला एवं उ0प्र0 सरकार द्वारा ‘नारी सम्मान’ (मुरादाबाद) 2016, संतोष सांधी सम्मान (अलवर) 2016, प्रकृति प्रहरी सम्मान (मेरठ) 2016, हिन्दी भाषा भूषण सम्मान (मुरादाबाद) 2017, राधा बल्लभ उपाध्याय स्मृति सम्मान (बिसौली) 2017, ज्ञान रत्न सम्मान (मुरादाबाद) 2018, भारतीय राजदूतावास काठमांडू एवं नेपाल-भारत मैत्री वीरांगना फाउंडेशन काठमांडू (नेपाल) द्वारा ‘लेखन प्रतिभा सम्मान’ 2018, वरिष्ठ नागरिक ट्रस्ट, मोदीपुरम द्वारा ‘पर्यावरण चिंतक सम्मान’ 2018, योग संस्कृति उत्थान पीठ दिल्ली द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में योगदान के लिए सम्मान, 2018 आदि हैं मानव संसाधन विकास मंत्रालय (भारत सरकार) के केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा उच्चतर शिक्षा हेतु ‘पर्यावरण कितने जागरूक हैं हम’ एवं ‘इंद्रधनुषी कहानियाँ’ पुस्तकों का चयन (2017)।
संस्थापक- वाणी अखिल भारतीय हिंदी संस्थान, नजीबाबाद, अग्रवाल महिला सभा, नजीबाबाद (संस्थापक सदस्य)
संरक्षक- ‘अविचल दृष्टिकोण’ पत्रिका (बिजनौर), ‘शोधादर्श’ त्रैमासिक पत्रिका (नजीबाबाद)
सहसंपादिका- धरती बचे प्रदूषण से (कानपुर)
सदस्य- भारतीयम साहित्य – कला – संस्कृति संस्थान नजीबाबाद,
पता- वाणी अखिल भारतीय हिन्दी संस्थान, बालक राम स्ट्रीट, नजीबाबाद, 246763,
जिला- बिजनौर (उप्र)