एमपी के बिजली इंजीनियरों ने किया इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 का विरोध

नेशनल कोआर्डिनेशन कमेंटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इन्जीनियर्स (NCCOEEE) के आह्वान पर इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 के विरोध में एवं केंद्र स्तर पर चल रही पॉवर सेक्टर के निजीकरण के विरोध में देश के लगभग 17 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर सोमवार 8 अगस्त को एक दिन के लिए पूरे देश में कार्य बहिष्कार का आव्हान किया गया था, जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश में भी जबलपुर क्षेत्र एवं शक्ति भवन के विभिन्न कार्यालयों के कार्यपालक निदेशक से लेकर चर्तुथ वर्ग तक के समस्त विद्युत कर्मियों ने पूरे जोश एवं समर्थन के साथ विद्युत कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन गेट पर पहुंचकर असहयोग आंदोलन में भाग लिया तथा केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे इलेक्ट्रीसिटी अमेण्डमेंट बिल 2022 के विरुद्ध अपना आक्रोश व्यक्त किया।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के अध्यक्ष इं. हितेश तिवारी ने बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह द्वारा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 पे 2 अगस्त को हस्ताक्षर किये गए एवं बिल की प्रतियां समस्त सांसदों को 5 अगस्त को प्रदान की गयी, इसके बावजूद 8 अगस्त को सुबह 10 बजे संसद में बिल को रखने और पारित कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जोकि की समझ से परे है। उन्होंने मांग की जल्दबाजी में इस बिल को संसद में न पारित कराया जाए और बिजली उपभोक्ताओं तथा बिजली कर्मचारियों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से विस्तृत चर्चा करने हेतु इस बिल को संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित किया जाए।

महासचिव इं. विकास शुक्ला ने अपने उदबोधन में बताया कि प्रस्तावित संशोधन के अनुसार बिजली वितरण और विद्युत आपूर्ति के लाइसेंस अलग-अलग करने तथा एक ही क्षेत्र में कई विद्युत आपूर्ति कम्पनियाँ बनाने का प्राविधान है। इसके अनुसार सरकारी कंपनी को सबको बिजली देने की अनिवार्यता होगी, जबकि निजी कंपनियों पर ऐसा कोई बंधन नहीं होगा। 

उन्होंने कहा कि स्वाभाविक है कि निजी आपूर्ति कम्पनियाँ मुनाफे वाले बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक घरानों को बिजली आपूर्ति करेंगी एवं सरकारी क्षेत्र की बिजली आपूर्ति कंपनी निजी नलकूप एवं गरीबी रेखा से नीचे के उपभोक्ताओं और लागत से कम मूल्य पर बिजली टैरिफ के घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति करने को विवश होगी और घाटा उठाएगी। बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की मांग है की बिजली निजीकरण पूरी तरह बंद हो, प्राकृतिक संसाधनों को निजी घरानों को सौंपना बंद हो एवं इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 तत्काल संसद से वापस लिया जाए, अपितु सर्व प्रथम स्टैंडिंग समिति को प्रस्तुत किया जाए।

इस अवसर पर इं. हितेश तिवारी, इं. विकास शुक्ला, इं. मनोज तिवारी, इं. इमरान खान, सुरेश बी.बी पचौरी, अवधेश दिक्षित, इं. सौरभ सोनी, इं. सुरेश त्रिवेदी, इं. नेहा सिंह, इं. जेबा नसरीन, इं. रश्मि गुलाटी, इं. गरिमा सिंह, इं. प्रशांत भदोरिया, इं. इकबाल खान, इं. लक्ष्मण नामदेव, इं. अमित सक्सेना, इं. अभिषेक खटीक, इं. अमित हलदर, इं. अंबिकेश शुक्ला,  इं. जितेंद्र तिवारी, इं. अजीत सिंह चौहान, इं. संग्राम सिंह, इं. अजय सिंह, इं. गौरव साहू आदि उपस्थित रहे।