एमपी के हजारों निष्कासित स्वास्थ्य कर्मचारियों को लिया जाये वापस, 90 प्रतिशत मिले वेतन

जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2018 में एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों का 90 प्रतिशत वेतन एवं अन्य सुविधाएं देने हेतु संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा विगत 7 दिनों से लगातार की जा रही हड़ताल का समर्थन किया है और शासन से मांग की है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों को शीघ्र निराकरण कराया जाये।

कल्याण समिति ने कहा कि मानव हित में कार्य कर रहे कर्मचारियों को राहत प्राप्त हो सके एवं तनावग्रस्त कर्मचारियों को न्याय प्राप्त हो। एनएचएम सर्पोट स्टाफ को आउट सोर्सिंग से हटाकर तत्काल एनएचएम में वापिस लिया जाये तथा बीमांक लेखापाल, मलेरिया एमपीडब्ल्यू एवं अप्रेजल से निष्काषित कर्मचारियों को भी वापस लिया जाये, जिससे वे अपने परिवार का गुजर बसर कर सकें।

संघ के उदित भदौरिया, प्रमोद तिवारी, अर्वेन्द्र राजपूत, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, चूरामन गूजर, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, परशुराम तिवारी, कुलदीप पटेल, शैलेष गौतम, सीएच शुक्ला, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, जवाहर लोधी, नवीन यादव, अशोक मेहरा, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, अंकित चौरसिया, परवेज खान, शेरसिंह, मनोज सिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, रितुराज गुप्ता, अनिल दुबे, शैलेन्द्र दुबे आदि ने हड़ताली कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए प्रदेश मुख्यमंत्री से ईमेल कर मांग की है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान 90 प्रतिशत वेतन दिया जाये।