जिन नेताओं का खेती-किसानी से कोई संबंध ही नहीं, वो कर रहे हैं कृषि कानूनों का विरोध: सीएम चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी और उनके साथी नहीं चाहते कि हमारे देश का किसान सशक्त हो और आत्मनिर्भर बनें।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को उज्जैन और भोपाल में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी और उनके साथी नहीं चाहते कि हमारे देश का किसान सशक्त हो और आत्मनिर्भर बनें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बने कृषि कानून कृषि के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाएंगे।

उन्होंने कहा कि किसानों को छलने और अनेक योजनाओं के लाभ से वंचित करने वाले कमलनाथ जी मुझे किसान विरोधी कह रहे हैं। फसल बीमा का 2200 करोड़ रुपये जमा कर किसानों के खाते में 3,100 करोड़ रुपये के साथ सम्मान निधि व किसान कल्याण समेत अनेक योजनाओं की राशि डलवाने का काम हमने किया।

सीएम चौहान ने कहा कि किसानों को सरेआम ठगने वाले आज उनके हितैषी होने का पाखंड कर रहे हैं। हम जीरो प्रतिशत पर किसानों को कर्ज देते थे, कमलनाथ जी ने इसे 14 प्रतिशत पर पहुंचा दिया था। किसान विरोधियों ने ब्याज की जो गठरी आपके सिर पर रखी है, उसे हमारी सरकार उतारेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के खाते में 6 हजार रुपया भेजने का फैसला किया, लेकिन राहुल जी आपके कमलनाथ जी ने किसानों की सूची तक नहीं भेजी। मैंने किसान सम्मान निधि में 4 हजार जोड़कर 10 हजार रुपया किसानों के खाते में जमा करवाया।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार वर्ष 2019-20 का रबी और खरीफ का फसल बीमा का प्रीमियम खा गई। हमने वह प्रीमियम जमा किया जिससे किसान बन्धुओं को 4,600 करोड़ रुपये का लाभ मिला। राहुल गांधी जी जवाब दें, किसानों को वंचित क्यों रखा गया?

सीएम चौहान ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मंडी किसी भी हालत में बंद नहीं होंगी। मंडी सारे देश में चलेंगी, उनकी व्यवस्थाओं को हम और सुदृढ़ करेंगे। जिन नेताओं का खेती-किसानी से कोई संबंध ही नहीं है, वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इन कानूनों को अब तक ठीक से पढ़ा ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बने कृषि कानूनों को प्रदेश के किसान बारीकी से समझ रहे हैं। सभी एक स्वर में के समर्थन में एकजुट खड़े हैं। ये कानून न सिर्फ किसानों का वर्तमान, बल्कि भविष्य सँवारने में मील का पत्थर साबित होंगे।