बिजली कंपनी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के निलंबन पर एमपी हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक लगाई रोक

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के निलंबन पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।  याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विजय राघव सिंह ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता जो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है, को प्रभारी कार्यपालन अभियंता द्वारा निलंबित कर दिया गया है।

याचिकाकर्ता विपतलाल विश्वकर्मा की ओर से अधिवक्ता विजय राघव ने न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के समक्ष दलील दी, कि प्रतिवादी जिसका मूल पद सहायक अभियंता है, वर्तमान में कार्यपालन अभियंता के पद के प्रभार पर है, इसलिए प्रभारी होने के कारण वह याचिकाकर्ता को निलंबित करने के लिए अधिकृत नहीं है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि कंपनी के नियमों के अनुसार कार्यपालन अभियंता के पास तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को निलंबित करने और मामूली जुर्माना लगाने की शक्ति है और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए पूर्ण शक्तियाँ हैं। लेकिन वर्तमान प्रभार धारण करने वाला सहायक अभियंता इसके लिए अधिकृत नहीं है।

इस पर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के निलंबन पर रोक लगा दी है।