एमपी ट्रांसको के स्काडा कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता के बारे में जान दंग रह गए प्रशिक्षु पत्रकार

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के संचार अध्ययन एवं शोध विभाग के बीए मास कम्युनिकेशन के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थयिों ने आज मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के स्काडा कंट्रोल सेंटर का भ्रमण किया। उल्लेखनीय है कि मास कम्युनिकेशन विद्यार्थी वर्तमान में पावर सेक्टर के जनसम्पर्क विभाग में कार्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

एमपी ट्रांसको के नया गांव स्थित स्काडा कंट्रोल सेंटर की कार्यप्रणाली और उसकी बहु उपयोगिता के बारे में जानकार प्रशिक्षु पत्रकार दंग रह गए। भारत में सर्वप्रथम स्काडा सिस्टम लागू करने वाले एमपी ट्रांसको के स्काडा सेंटर का आज विद्यार्थियों ने दौरा किया। स्काडा सेंटर के कार्यपालन अभियंता डॉ हिमांशु श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को विस्तार से बताया कि किस तरह संपूर्ण एमपी ट्रांसको के सिस्टम का डाटा संग्रहित कर उसका विश्लेषण किया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्क्रीन के माध्यम से बताया कि स्काडा न केवल डाटा कलेक्शन के लिए उपयोगी है, बल्कि इसके ह्यूमन मशीन इंटरफेस के जरिए मध्यप्रदेश के सब-स्टेशनों के ट्रांसफार्मर व फीडर्स को भी यहीं से नियंत्रित किया जा सकता है।

डॉ हिमांशु श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को रियल टाइम डाटा एनालिसिस के महत्व को भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि स्काडा वर्तमान में इलेक्ट्रिक सिस्टम का एक महत्वपूर्ण अंग हो गया है और एमपी ट्रांसको में इस केंद्रीकृत स्काडा सेंटर के अलावा दो अन्य स्काडा सेंटर भी क्रियाशील है। इस अवसर पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी पंकज स्वामी, मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी केपी श्रीवास्तव तथा एमपी ट्रांसको के जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत ओझा भी उपस्थित थे।

कार्य प्रशिक्षण सत्र का संयोजन व समन्वय संचार अध्ययन एवं शोध विभागाध्यक्ष प्रो. धीरेन्द्र पाठक व अतिथि व्याख्याता डॉ संजीव श्रीवास्तव कर रहे है। कार्य अनुभव प्रशिक्षण सत्र के प्रतिभागी प्रशांत उपाध्याय, अरिन पांडे, तुष्टि दुबे, गज़ाला सिद्दीकी, शेख रेहान, राज सिंह पटेल, भूपेन्द्र सैनी, सत्यम त्रिपाठी व मुस्कान नायक हैं।