स्वयं परिपालन: राजन कुमार

तू अपनी
खूबियां ढूंढ,
कमियां निकालने के लिए,
लोग हैं न…

अगर रखना है कदम
तो आगे रख,
पीछे खींचने के लिए
लोग हैं न…

सपने देखने ही है तो
ऊंचे देख,
नीचा दिखाने के लिए,
लोग हैं न…

अपने अंदर जुनून की
चिंगारी भड़का,
जलने के लिए,
लोग हैं न…

अगर बनानी है तो
यादें बना,
बातें बनाने के लिए
लोग हैं न…

प्यार करना है तो
खुद से भी कर,
दुश्मनी करने के लिए
लोग हैं न…

रहना है तो थोड़ा
बच्चा भी बनकर रह,
समझदार बनाने के लिए
लोग हैं न…

भरोसा रखना है तो
खुद पर रख,
शक करने के लिए
लोग हैं न…

तू बस संवार ले
खुद को,
आईना दिखाने के लिए
लोग हैं न…

खुद की अलग
पहचान बना,
भीड़ में चलने के लिए
लोग हैं न…

तू कुछ करके दिखा
दुनिया को,
तालियां बजाने के लिए
लोग हैं न…

राजन कुमार झा
पटना, बिहार
संपर्क- 9523393939
Email- [email protected]