प्रिय! कारण चाहे कुछ भी हो
चुप नहीं हो जाना चाहिए
मौन होने से श्रेष्ठकर है कि
सम्वाद होना चाहिए
प्रतिवाद ही सही, कोप ही सही
भले उलाहना ही दे देना चाहिए
किन्तु मौन होने से श्रेष्ठकर है
कि सम्वाद होना चाहिए
जो उलझ गई हो गुत्थियाँ
उन्हें शब्दों से सुलझा लेना चाहिए
किन्तु मौन होने से श्रेष्ठकर है
कि सम्वाद होना चाहिए
चुप्पियाँ अंतराल उत्पन्न करती हैं
तो निकटता बनाये रखनी चाहिए
क्योंकि मौन होने से श्रेष्ठकर है
कि सम्वाद होना चाहिए
मनमुटाव दूर करने हेतु
भावनायें प्रकट करनी चाहिए
इसीलिए मौन होने से श्रेष्ठकर है
कि सम्वाद होना चाहिए
खामोशियों से जन्म लेते दुर्भाव
अवसाद खत्म होने चाहिए
इसीलिए मौन होने से श्रेष्ठकर है
कि सम्वाद होना चाहिए
-सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश