मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के शिक्षक-अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांताध्यक्ष मुकेश सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया की पिछले 17 वर्षों से राज्य कर्मचारियों एवं अधिकारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत वेतन से जो राशि काटी जा रही है वो इस प्रकार है- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का 100 रुपये, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का 200 रुपये, द्वितीय श्रेणी अधिकारी 400 रुपये एवं प्रथम श्रेणी अधिकारियों की 600 रुपये।
जबकि पिछले इन वर्षों में कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन लभगम तीन गुना हो गया है, किन्तु बीमा राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। राज्य कर्मचारियों व अध्यापक संवर्ग को 2016 से सातवां वेतनमान दिया जा रहा है, किन्तु समूह बीमा राशि पांचवें वेतनमान से काटी जा रही है। ऐसी स्थिति में यदि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रित परिवार को मात्र 2.5 लाख बीमा राशि ही मिल पाती है, जो वर्तमान समय की मंहगाई को देखते हुए बहुत कम है।
संघ के मुकेश सिंह, मनीष चौबे, श्यामनारायण तिवारी, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, प्रणव साहू, मनीष लोहिया, मनोज सेन, मनीष शुक्ला, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, संतोष तिवारी, सुदेश पाण्डे नितिन शर्मा, विनय नामदेव, आदित्य दीक्षित, विजय कोष्टी, सतीश पटैल, सोनल दुबे, राजकुमार सिंह, देवदत्त शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, ब्रजेश गोस्वामी, पवन ताम्रकार, मनोज पाटकर, अनुराग मिश्रा आदि ने मुख्य सचिव मप्र शासन को ईमेल के माध्यम से पत्र प्रेषित कर मांग की है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत काटी जानी वाली राशि सातवें वेतनमान के अनुरूप रू 1000 प्रतिमाह की जाए।