दिल के तारों पर छेड़ा है
एक गीत मैंने
हाँ झूठी ही सही मगर
है पाई प्रीत मैंने
Join WhatsApp Group 1 यहाँ क्लिक करे
इस मतलब की दुनिया में अब
अपना किसे कहूँ
अक्सर धोखे देने वाले
किस के साथ रहूँ
तुमको पाकर लगा कि पाया
एक मीत मैंने
नफरत के ताने-बानों में
उलझे लोग यहाँ
प्रेम भाव हो सच्चे जिनमें
वो दिल रहे कहाँ
देखी दुनिया भर में केवल
स्वार्थ रीत मैंने
समीर द्विवेदी ‘नितान्त’
कन्नौज, उत्तर प्रदेश