अंतिम इच्छा- ममता रथ

एक बार मैंने सोचा लोगों से उनकी
अंतिम इच्छा पूछी जाए
सब हमारी जिंदगी में झाँकते हैं आज
उनकी जिंदगी में झाँका जाए
पूछा एक बच्चे से अंतिम इच्छा बताओ
बच्चे ने कहा दो चाकलेट तो खिलाओ
बच्चे ने पूरी दुनिया को चाकलेट बना डाला
एक माँ ने कहा अंतिम इच्छा यही है
इस जहां के सारे दुख मेरे हो
मेरे बच्चे के पास केवल सुख हो
एक मजदूर ने कहा अंतिम इच्छा यही है
इस ठंड भरी रात में आज मौत आ जाए
जिदंगी भर नंगे बदन रहा
कम से कम मरकर तो कफन से तन ढक जाए

-ममता रथ