तिरी बारहा याद आएँ मुझे: जॉनी अहमद ‘क़ैस’

तिरी बारहा याद आएँ मुझे
तिरी याद हर पल सताएँ मुझे

हमेशा तिरी बात करते हुए
पुराना ज़माना रुलाएँ मुझे

सभी को पता है मिरे हाल का
ज़रा कोई अपनी सुनाएँ मुझे

मिरे दर्द का मैं भला क्या करूँ
बिला बात के ही रुलाएँ मुझे

दवा कोई न अब मिरे काम की
फ़क़त भेज दो अब दुआएँ मुझे

जॉनी अहमद ‘क़ैस’