मेरी प्यारी बहन- कुसुम साहू

नहीं कर पाती हूँ मैं तुझे सहन
तेरा तो सबसे अलग है रहन-सहन
इसलिए तो तू है मेरी प्यारी बहन
कभी तू करती है तंग
कभी तुझे मैं करती हूँ तंग
तभी तो रहते हैं हम संग
कभी डालती मेरे कामों में भंग
तभी तो तू है मेरी प्यारी बहन
कभी हटाती,
कभी लटकाती,
कभी झटकाती,
कभी मारती,
यही तो है तेरा मेरा धरम
तभी तो है बहनें हम
तभी तो तू है मेरी प्यारी बहन
कभी चिढ़ाती तू
कभी चिढ़ाती मैं
तभी तो तू है मेरी प्यारी बहन
नहीं कर पाती मैं तुझे सहन
जब कोई करता मुझे तंग
रहती हमेशा तू मेरे संग
तोड़ती है उसकी हड्डी-पसली
यही तो दो बहनों का प्यार है असली
तभी तो कहती हूं मैं तुझे बहन
मिलता है हमारा रहन-सहन
ओ मेरी भोली-भाली प्यारी बहन

-कुसुम साहू
कक्षा:आठवीं