मिलन- शैली अग्रवाल

उनसे मिलने की प्यास को
अपने अश्कों से बुझाती हूँ
एक दिन होगा मिलन,
यही सोचकर
हर अश्क पी जाती हूँ

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आज फिर दिल की कसक,
कसक ही रह गयी
हम हिचकते रहे,
वो मुस्कुराती रही

-शैली अग्रवाल