ज़िंदगी में कभी- बलजीत सिंह

दिल किसी का जला ख़ूब से ख़ूबतर
और फ़ितना उठा ख़ूब से ख़ूबतर

ज़िंदगी में कभी फिर नहीं आऊँगा
आपका हो भला ख़ूब से ख़ूबतर

बेक़सूरों की चीखों से इंसाफ़ हो
क़ातिलों को सज़ा ख़ूब से ख़ूबतर

राह सच्चाई की दूर है अब तलक़
हाँ मिले रहनुमा ख़ूब से ख़ूबतर

ज़ाविया कोई तुम भी सुनाओ ज़रा
हो मगर अनकहा ख़ूब से ख़ूबतर

-बलजीत सिंह बेनाम

परिचय-
बलजीत सिंह बेनाम
जन्म तिथि:23/5/1983
शिक्षा:स्नातक
सम्प्रति:संगीत अध्यापक
उपलब्धियाँ:विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित, आकाशवाणी हिसार और रोहतक से काव्य पाठ
सम्पर्क:103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी, हाँसी
मोबाइल:9996266210