ओएफके की सोसायटी को बदनाम करने की साजिश, निराधार हैं सोसायटी पर लगाए गए आरोप

पिछले 20 वर्षों से कामगार इंटक समर्थित गवर्निंग बॉडी के सदस्यों द्वारा को-ऑपरेटिव सोसाइटी में लगातार अथक प्रयासों से सोसाइटी को बेहतर स्थिति तक पहुंचाया है, जिसमें सोसाइटी 30,000 लोन से आज 700000 लोन एक दिन में देना, साथ-साथ इमरजेंसी लोन 1 दिन में लगातार हर वर्ष 10% डिविडेंड जैसी स्थितियों को बनाया गया।

इन सब परिस्थितियों में कुछ सूदखोरों की दुकानदारी बंद हो गई जिसके चलते कुछ तथाकथित लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से सोसायटी को बदनाम करने के लिए सोसायटी के अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव जैसा षड्यंत्र चलाया, जो कि बिल्कुल निराधार है। क्योंकि पहले से ही इनके दो गवर्निंग बॉडी के सदस्य निष्कासित किए जा चुके हैं।

कामगार इंटक यूनियन के समर्थित गवर्निंग बॉडी के सदस्यों द्वारा यह सोसायटी के प्रत्येक सदस्य को विश्वास दिलाया जाता है कि सोसायटी किसी भी कीमत पर गलत नजर रखने वाले सूदखोरों को हाथों में नहीं दी जाएगी।

यूनियन के अरुण दुबे, रूपेश पाठक, आनंद शर्मा, अमित चौबे, राजेंद्र चड़ारिया, महेंद्र रजक, जेराल्ड एंथोनी, टी रॉबिन, विजय भावे, दीपक सैनी, संतोष, प्रेम लाल सेन, धर्मेंद्र रजक, अरुण मिश्रा, कृष्णा शर्मा, हृदेश यादव आदि ने कहा है कि सोसायटी गलत हाथों में नहीं जाने दी जाएगी।