पानी-पानी कर डाला पानी
पानी बिन आंख झरे पानी
मृत प्राणी होता बिन पानी
आधार है जीवन का पानी
सूखी नदियां झरने सूखे
सरिता का यौवन है पानी
बिन पानी व्यर्थ बने निर्झर
झरनों का जीवन है पानी
पादप जंतु जो कुछ भी है
सबको जीवन देता पानी
धन हो वैभव सुख राशि हो
है व्यर्थ बिना सब कुछ पानी
न व्यर्थ बहे संचित पानी
है लक्ष्य बड़ा अर्जित पानी
बिन पानी सूना सब जग है
दुर्भिक्ष मिटाता है पानी
मल दूर करे निर्मलता दे
पावनता देता है पानी
अति वर्षण हो पानी पानी
उर्वरता देता है पानी
हो दर्द अगर पीड़ा मन में
नयनाश्रु बन बहता पानी
-अरुण कुमार नोनहरा
विक्रमगंज, रोहतास
बिहार
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