आसमान की खिड़की से- सेहजनी परवीन

आसमान की खिड़की से
ताका करते तारे
चमकें टिम-टिम-टिम-टिम
नभ में सुन्दर सारे

दिल में मानों
जैसे देते हो दस्तक
शीतल तारों की किरणें
दिलों को देते हो ठंडक
जग को हंसाते तारे
गांव , शहर, कस्बों को
चमकते तारे
सुन्दर-सुन्दर प्यारे प्यारे

अनगिनत है तारे
अनगिनत बच्चों के सपने
कभी कहते बनेंगे डॉक्टर
कभी कहते इंजीनियर
बच्चों के दिलों को हँसाते तारे
नभ में टिम- टिम करते सारे

तारों की चमक देती है एक आस
कभी तो कुछ बनेंगे करेंगे कुछ खास
तारों की रोशनी से चमक उठा है संसार
खुशियां आई है बेशुमार
चमकें टिम-टिम-टिम-टिम
नभ में सुन्दर तारे

-सेहजनी परवीन