मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी अभियंताओं के लिए रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (संशोधित वितरण क्षेत्र योजना: आरडीएसएस) विषय पर केन्द्रित दो दिवसीय कार्यशाला यहां तरंग प्रेक्षागृह में प्रारंभ हो गई। कार्यशाला का उद्घाटन पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी ने करते हुए कहा कि देश में यह अपनी तरह की पहली कार्यशाला है, जिसमें मैदानी अभियंताओं के साथ सभी कांट्रेक्टरों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य कार्य करने वाली एजेंसियों की भूमिका व जिम्मेदारियों को समझाना है। कार्यशाला में पूर्व क्षेत्र कंपनी के मैदानी अभियंता अपनी भूमिका को भी समझेंगे।
अनय द्विवेदी ने कहा कि देश में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पहली डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी है जिसने कार्य के दो आदेश जारी कर दिए और प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग एजेंसी को नियुक्त कर दिया है।आरडीएसएस के अंतर्गत देश में केपेसिटर बैंक की स्थापित करने कार्य सबसे पहले पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने किया है। उन्होंने विद्युत अभियंताओं की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को केन्द्र शासन द्वारा अनुमोदित की गई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय विद्युत सचिव आलोक कुमार ने भी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा इसके लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की सराहना कर चुके हैं।
इस अवसर पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन व प्रशासन नीता राठौर, मुख्य महाप्रबंधक आरडीएसएस संजय भगवतकर, महाप्रबंधक आरडीएसएस अजय दुगड़ सहित जबलपुर, सागर, रीवा व शहडोल के मुख्य अभियंता, कार्यशाला के प्रतिभागी डेढ़ सौ विद्युत अभियंता व 82 कांट्रेक्टर उपस्थित थे।
भारत सरकार ने पूर्व-योग्यता मानदंडों को पूरा करने और बुनियादी न्यूनतम बेंचमार्क प्राप्त करने के आधार पर आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों को परिणाम से जुड़ी वित्तीय सहायता प्रदान करके डिस्काम्स को उनकी परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करने में मदद करने के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को मंजूरी दी है।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की आरडीएसएस की परियोजना लागत 10000 करोड़ रूपए है, जिसमें से 3000 करोड़ रूपए की स्मार्ट मीटर परियोजना है। कंपनी के चार क्षेत्रों जबलपुर, सागर, रीवा व शहडोल क्षेत्र में इस परियोजना के अंतर्गत 55 लाख मीटरीकृत उपभोक्ताओं के परिसर में तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। कंपनी क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना का विकास, विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का नवीनीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य क्रियान्वित किए जाएंगे। इसके अलावा पूर्व क्षेत्र कंपनी के आईटी व ओटी (ऑपरेशनल टेक्नॉलाजी) एप्लीकेशन का आधुनिकीकरण व उन्नयनीकरण कार्य किए जाएंगे। इन कार्यों के पूर्ण होने से इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
आरडीएसएस के कार्यों का मूल्यांकन केन्द्र सरकार का विद्युत मंत्रालय प्रतिवर्ष करेगा। इसके मापदंड निर्धारित रहेंगे। वि़द्युत मंत्रालय आरडीएसएस का अगला अनुदान विद्युत वितरण कंपनियों के कार्यों व प्रदर्शन के आधार पर जारी करेगा। यदि मापदंड के अनुरूप कार्यों का निष्पादन नहीं होगा तो अनुदान ऋण के रूप में परिवर्तित हो जाएंगे। गत दिवस केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यों का मूल्यांकन कर अपनी स्वीकृति दी है।