एमपी में बिजली कर्मियों के साथ लगातार करंट लगने की घातक दुर्घटनाएं हो रही हैं और विद्युत दुर्घटनाओं का सबसे ज्यादा शिकार आउटसोर्स कर्मी हो रहे हैं, क्योंकि बिजली अधिकारी, आउटसोर्स कर्मियों पर दबाव बनाकर नियम विरूद्ध और बिना सुरक्षा उपकरणों के करंट का कार्य करा रहे हैं। वहीं सबसे बड़ी विडंबना ये है कि बिजली कंपनी के लिए कार्य करने वाले इन घायल आउटसोर्स कर्मियों को बाहरी बताकर प्रबंधन इलाज कराने से इनकार कर देता है और जिस ठेका कंपनी के अंतर्गत ये आउटसोर्स कर्मी कार्य करते हैं, वो भी तात्कालिक रूप से इलाज के लिए कोई सहायता राशि नहीं देते, जिससे इन कर्मियों को आर्थिक रूप से खासी परेशानी उठानी पड़ती है।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर सिटी सर्किल के अंतर्गत जेसू पूर्व शहर संभाग में मेंटेनेंस में कार्य करने वाले आउटसोर्स कर्मी विक्की विश्वकर्मा को 23 जून 2023 की रात को जूनियर इंजीनियर के द्वारा कुंडम रोड के पास पसियाना में सर्किट फ्यूज लगाने का कार्य दिया गया था। आउटसोर्स कर्मी विक्की विश्वकर्मा अपने साथियों के साथ पसियाना गया तो पता चला कि सर्किट फ्यूज उड़ गया है एवं सैकड़ों उपभोक्ताओं की घर की बिजली बंद है। आउटसोर्स कर्मी के द्वारा सर्किट बॉक्स से गया सर्किट फ्यूज लगाते ही अत्यधिक स्पार्क हुआ, जिससे उसका दाहिना हाथ बुरी तरह जल गया।
साथ में मौजूद सहयोगियों के द्वारा आउटसोर्स कर्मी को रात लगभग 11:30 बजे निजी हॉस्पिटल ले जाकर उसको भर्ती कराया गया। आउटसोर्स कर्मी द्वारा बिजली कंपनी के कार्य के दौरान करंट लगने से घायल होने पर स्वयं खर्च पर इलाज कराया जा रहा है। संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, प्रकाश काछी, अजय कश्यप, शशि उपाध्याय, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, अमीन अंसारी, पीके मिश्रा आदि के द्वारा आक्रोश जताते हुए कहा गया है कि जब अधिकारी स्वयं कार्य करने का आदेश देते हैं तो घटनाएं होने पर पल्ला क्यों झाड़ लेते हैं। संघ ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मी के इलाज के लिए सहायता राशि प्रदान की जाए।