रिश्ते दिल के: हर्षिता डावर

रिश्ते बनाने बहुत आसान है पर
निभाने में जद्दोजहद लगती है
ज़िन्दगी में ये वही कमाल है,
कभी हमको ये एहसास समझने में जन्म लग जाते हैं
कभी हम पल भर में ही एहसास जगा पाते हैं

पुनर्जन्म के रिश्ते का आगमन माता का आशीर्वाद है,
आपकी शक्ति को लौटाना माता का आशीर्वाद है

आंखमिचौली बचपन से जवानी तक के सफ़र का
ये वही एहसास है,
निभाने वाले ख़ून के रिश्ते न होकर भी
अंदरूनी आत्मा से भरा हुआ विश्वास
ये वही एहसास है

तिलस्मी दुनिया में चमकता सितारा सा
टिमटिमाता ये वही एहसास है,
नियती में लिखा, हर्फ में समेटा
आपके दिल का ये वही राज़ है,
प्यार से संजोया ये वही अरमान है

न शब्द न बोल बस मुस्कान में छलकता
ये प्यार के रिश्ते का वही एहसास है
बुनो रिश्तों की माला,
जब पिरो पाया प्रेम के मोतियों से
दिखावे से दिल बहलाने का
वही गलत एहसास है

कोई तस्वीरों में ख़ुद को जोड़ लेते हैं,
रिश्तों को नाम दे देते है
कई रिश्ते हमारी ज़िन्दगी के सफ़र में
चलते फिरते मिल जाते हैं
मेल जोल बन कर एहसास जगा जाते है

आपसे से कोई ख़ून का रिश्ता नहीं
दिल के रिश्तों से, शब्दों के रिश्तों से
मुलाक़ात रोज़ होती है,
मिले या ना मिले पर
एहसासों से मुलाकात रोज़ होती है,
आप हमे पढ़ते है, हम आपको पढ़ते हैं
इससे हर हर्फ में लिपटा एक एहसास जगा पाते हैं

ये लेखनी के रिश्ते भी कमाल होते हैं
बिन बोले महसूस कर अपनेपन के नज़रिए का
इंसानियत या हैवानियत का जवाब दे जाते हैं

ये शब्द ही होते हैं
कोई दिल में उतर जाते हैं या
दिल से उतर जाते हैं
बस यही शब्दों के एहसास होते हैं
खुश रहें

बेहद खूबसूरत एहसासों के समुद्र में
हमने भी डुपकी लगा ली,
हर्षिता की नज़र से एक नज़र टकरा ली,
हाज़िर है इस लेखनी के रिश्ते में,
वहीं एक नज़र से नज़र टकरा ली,
नई कहानी में गवाह ख़ुद बनती
औरों से घुले-मिले, मिलते बिछड़ते
मामूली सी ज़िन्दगी को जीते, एहसास जगाते,
दिलों का दिल से आभार जताते हैं

एक दूजे के अरमानों को
प्रोत्साहन से सजाते हैं
रिश्तों के तने बाने को बुनते जाते हैं,
स्नेह प्रेम एहसासों की बारिश में नहाते हैं

हर पल में, हर पहलू में,
अपने विचार व्यक्त करते जाते है ,
नई पहचान, नई सुबह को
नई दिशा दिखाते हैं
रिश्तों के महत्व को दिल से निभाते हैं
खुश रहें, दिल से जुड़े रिश्ते संभालते रहें

हर्षिता डावर
नई दिल्ली