कुत्ते: जॉनी अहमद

ये आवारा बीमार राहों के कुत्ते
आपस में लड़ते झगड़ते ये कुत्ते
एक हड्डी की ख़ातिर हो पागल ये कुत्ते
कहीं भी उठाले जो एक टांग कुत्ते
ये कुत्ते हमारी कहानी हैं कहते

ग़रीबी से हारे ये बीमार इंसां
ज़रूरत के मारे ये लाचार इंसां
ये फ़ुटपाथ पर जो सोते हैं इंसां
हाँ भूख के मारे जो रोते हैं इंसां
ये एक रोज़ कुत्तों की मौत हैं मरते
ये कुत्ते हमारी कहानी हैं कहते

जॉनी अहमद ‘क़ैस’