फुर्सत मिले अगर कभी, मुस्कुरा लिया करो
चार दिन की जिन्दगी, हसीं बना लिया करो
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खिलते हैं फूल काँटों पर शिकवा नहीं करते
जो भी मिले नसीब से दामन फैला लिया करो
मायूस आसमां भी होता कभी चाँद तारों बिना
रूह को ही रौशन कर दीवाली मना लिया करो
ताजिन्दगी मिलती यहाँ ग़मो-खुशी बारी-बारी
हर खुशी हर गम को सनम अपना लिया करो
है इल्तिजा प्रकाश की फकत इतनी जनाब
तरन्नुम बिखेर लब पर गम दफना लिया करो
-रवि प्रकाश
जबलपुर, मध्य प्रदेश
मोबाइल- 9755143215