खूबसूरत- मनोज शाह

हर किसी को अपनी
खूबसूरती पर घमण्ड होता है
मैं बआज आपको
खूबसूरती की परिभाषा बताता हूँ

खूबसूरत है वो लब
जिन पर दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए
खूबसूरत है वो दिल
जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए
खूबसूरत है वो जज़्बात
जो दूसरो की भावनाओं को समझ जाए
खूबसूरत है वो एहसास
जिस में प्यार की मिठास हो जाए
खूबसूरत है वो बातें
जिनमे शामिल हो दोस्ती और
प्यार की किस्सें, कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे
जिनमे किसी के खूबसूरत ख्वाब समा जाए
खूबसूरत है वो हाथ
जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त
सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो सोच
जिस में किसी कि सारी ख़ुशी छुप जाए
खूबसूरत है वो दामन
जो दुनिया से किसी के गमों को छुपा जाए
खूबसूरत है वो आँसू
जो किसी और के गम में बह जाए

-मनोज शाह मानस
सुदर्शन पार्क
मोती नगर, नई दिल्ली