चुनाव से संबंधित होर्डिंग्स-पम्पलेट्स के प्रमाणन की आवश्यकता नहीं, लेकिन निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी मुद्रित सामग्री की प्रति

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक उम्मीदवारों या राजनैतिक दलों को अब चुनाव प्रचार-प्रसार अभियान के दौरान फ्लैक्स, होर्डिग्स, वॉलपेपर और पम्पलेट्स के पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी।

निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही में जारी किये गये निर्देशों में कहा गया कि सभी प्रकार के इलेक्ट्रानिक मीडिया जिसमें सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित किये जाने वाले ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले भी शामिल होंगे, दिये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी होगा, लेकिन फ्लैक्स, होर्डिग्स, वॉलपेपर, पम्पलेटस जैसी प्रचार सामग्री का एमसीएमसी कमेटी से पूर्व प्रमाणन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि इनमें आदर्श आचरण संहिता तथा निर्वाचन संबंधी सभी नियमों एवं दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।

विधानसभा चुनाव के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों एवं निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों के व्यय पर कड़ी नजर रखने के लिए समस्त केबल आपरेटर एवं प्रिटिंग प्रेस मालिकों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों से अवगत कराया गया है।

निर्देशों में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान केबल आपरेटर एवं प्रिटिंग प्रेस मालिकों को विशेष एहतियात बरतनी है। उनके किसी भी प्रसारण एवं मुद्रण से शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका होगी तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रिटिंग प्रेस मालिकों से कहा गया है कि उनके द्वारा चुनाव संबंधी जो सामग्री प्रकाशित की जाती है, उसकी चार प्रतियां मय घोषणा पत्र, जिला निर्वाचन कार्यालय को शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।

प्रकाशित की गई सामग्री में प्रिटिंग लाइन अवश्य दी जाए, जिसमें मुद्रक, प्रकाशक का नाम, पता और प्रकाशित सामग्री की संख्या दर्ज हो। इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले प्रिटिंग प्रेस मालिकों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने केबल आपरेटरों को पेड न्यूज के संबंध में सजग और सतर्क रहने कहा है। कोई ऐसी न्यूज जो राजनैतिक दल विशेष को लाभ पहुंचाए जाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रानिक मीडिया में दिखाई जाती है, वह पेड न्यूज की श्रेणी में आएगी।

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिला एवं राज्य स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति का गठन किया गया है। यह समिति 24 घंटे इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रसारण पर नजर रख रही है। केबल आपरेटरों को कहा गया है कि वे आयोग के निर्देशों का आवश्यक रूप से पालन करें। केबल आपरेटर द्वारा जिस सामग्री का प्रसारण किया जाता है उसके प्रसारण पूर्व प्रसारणकत्र्ता से घोषणा पत्र भी प्राप्त करें।

वेबसाइट एवं सोशल मीडिया के अन्य प्रकारों पर नजर रखी जा रही है। राजनैतिक दलों द्वारा बल्क में किए जाने वाले एमएमएस एवं वॉयस मैसेज पर भी नजर रखी जायेगी। उनकी संख्या का रिकार्ड रखा जायेगा। जिन उम्मीदवारों ने नामनिर्देशन पत्र दाखिल किए, उनको शपथ पत्र में ईमेल आईडी एवं सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी देने के लिए भी कहा गया था।