डॉ आरती कुमारी की दो कविता

डॉ आरती कुमारी
मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार

जीवन परिचय
नाम- डॉ आरती कुमारी
पिता का नाम- अलख निरंजन प्रसाद सिन्हा
माता का नाम- स्वर्गीय श्रीमती रीता सिन्हा
पति का नाम- माधवेन्द्र प्रसाद
वर्तमान/स्थायी पता- शशि भवन
आज़ाद कॉलोनी, रोड 3
माड़ीपुर, मुज़फ़्फ़रपुर बिहार
ई-मेल- [email protected]
शिक्षा- M.A(english), Ph.D(english), M.Ed.,NET (education)
सम्प्रति- राजकीय उच्च विद्यालय ब्रह्मपुरा, मुज़फ़्फ़रपुर में सहायक शिक्षिका और प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, पोखरैरा में अतिथि व्यख्याता के पद पर कार्यरत,
प्रकाशन- कैसे कह दूं सब ठीक है (काव्य-संग्रह), पंजाबी, नेपाली एवं गुजराती में रचनाएँ अनुदित
आकशवाणी, दूरदर्शन से कविताओं और ग़ज़लों का प्रसारण विभिन्न सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्यक्रमों में मंच संचालन, कविताकोश एवं समकालीन हिंदुस्तानी ग़ज़ल एप में ग़ज़लें संकलित, अंग्रेज़ी में कविताओं का प्रकाशन- the melodies of immortality में 3 अंग्रेज़ी कविताएँ संकलित।
सम्मान- चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान , पटना द्वारा गोपी वल्लभ सहाय सम्मान 2013, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा उर्मिला कौल साहित्य साधना सम्मान 2018 एवं हिंदी सेवी सम्मान 2018 निराला स्मृति संस्थान डलमऊ द्वारा, सरोज स्मृति सम्मान 2018 नवशक्ति निकेतन संस्था द्वारा ‘शाद अज़ीमाबादी सम्मान 2020 आदि।

【1】
उड़ना चाहती है
उमंगों की हवा के साथ
दूर..
खुले फैले
जीवन के आकाश में
पर चेतना की डोर
खींच लेती है
रह रह कर
और जोड़े रखती है उसे
यथार्थ के मांझी से
ताकि तेज़ उन्मुक्तता के बहाव में
समय की धार से
कट कर
दिशाहीन न हो जाये
ख्वाहिशों की पतंग

【2】
बचपन
जो कि भरी होती है
मस्ती से, बेफिक्री से
उत्साह और उमंग से
जो ठेल देती है दूर
दुख को भी
अपनी मीठी खिलखिलाहट से
जिसे न समझ होती है
जात-पात, धर्म सम्प्रदाय की
और जो न बंधी होती है
किसी नियम कानून से
उसे तो चाहिए होता है
मां का आँचल
पिता का संरक्षण और
जीने का अपना अधिकार
पर अफसोस
आज फिर हो गई
चार महीने के बचपन की मौत
शाहीन बाग में