प्रगाढ़ प्रेमी- जसवीर त्यागी

पड़ोस का एक नौजवान लड़का
प्रगाढ़ पशु-प्रेमी है

वह सुबह-शाम
मोबाइल पर बात करता हुआ
अपने पालतू कुत्ते को
पार्क में टहलाने ले जाता है अक्सर

उसका बीमार बाप
बिस्तर पर लेटा रहता है खामोश

डॉक्टरों ने हिदायत दी है मरीज को
सुबह-शाम खुली हवा में घूमने की

खिन्नता की खाई में फँसा पिता
पंख कटे पाखी-सा छटपटाता है
खाई से बाहर निकलने को
लेकिन निकल नहीं पाता

बीमार आदमी रोज देखता है
कुत्ते को बाहर आते-जाते हुए

मोबाइल पर हँस-हँसकर
बतियाता हुआ लड़का
पार्क के किसी कोने में
रुका रहता है तब तक

जब तक उसका कुत्ता
पूरी तरह से फारिग नहीं होता

-जसवीर त्यागी