2020 क्या-क्या नहीं सिखाया: हर्षिता डावर

2020 ने क्या-क्या नहीं दिखाया
2020 क्या-क्या नहीं सिखाया
अपने से अपनों का एहसास करवाया
कितना खोया है कितना पाया 


कितना बदला है कितना बदलवाया है
कितना सिला है कितना उधड़ा है
कितना किया है कितना हँसाया है
कितना कमाया है कितना हराया हैं


कितना समर्पण है कितना अर्पण है
कितना दर्पण है कितना धर्म परिवर्तन है
कितना हारा है कितना जीता है
कितना सहा हैं कितना सहारा हैं

कितना सौंपा हैं कितना पाया है
कितना कर्म है कितना धर्म हैं
कितना छुपाया है कितना रुलाया है
कितना लुभाया है कितना पछताया है

कितना डराया है कितना धमकाया है
कितना सही है कितना गलत है
कितना करना है कितना कारण है
कितना याद है कितना भुलाया है


कितना, जितना सोचा ना था
सब बातों को फ़रमाया है
कितना जाना है कितना पाया है
यहीं ज़िन्दगी ख़ुद को यकीं दिलाया है


कितना बदलना है कितना चलना है
खुद को भी ज़िन्दगी ने समझाया है
कितना भी बड़ा बनना है पर
इंसान की इंसानियत ज़रूरी हैं


कितना भी जीना है अच्छा हो या बुरा
कर्म यहीं भोगना, ज़िन्दगी ने बताया हैं
कितना भी सोचा हो इंसान है,
प्रभु की लीला के आगे नतमस्तक कायनात हैं

हर्षिता डावर
नई दिल्ली