बेटियां ये बेटियां घर की हैं अँजोरियां
बेटियां ये बेटियां घर की हैं तिजोरियां
तुम नवल विहान हो
भोर की मुस्कान हो
तुम धवल, तुम किरण, सूर्य की लालिमा
बेटियां ये बेटियां अंजुमन को बहार दें
तुम से प्रकृति सजी
तुम से सृष्टि बंधी
तुम धरा, तुम गगन, रात की हो रोशनी
बेटियां ये बेटियां आसमां की चाँदनी
प्रीत की तू लाज है
धैर्य की तू मूर्ति
तुम उमंग तुम तरंग जीवन की साज़ हो
बेटियां ये बेटियां तुम हृदय की राग हो
श्वांस की तू रागिनी
दीपक की बाती तू
तुम प्रभा तुम सुधा सरिता की धार हो
बेटियां ये बेटियां तुम से हैं जगत सजा
तुम से है खुशी मेरी
तुम से है आशा बंधी
तुम कली, तुम सुमन सुगन्ध का आगार हो
बेटियां ये बेटियां कुटुंब का स्वाभिमान हो
प्रार्थना राय
देवरिया, उत्तर प्रदेश